Best 41+ Jumma Mubarak Dua ( जुम्मा मुबारक दुआ)

आज मैं आप सभी के लिए जुम्मा मुबारक दुआ (jumma mubarak dua) लेकर आया हूँ | यदि आप अपने दोस्तों या परिवार के सदस्यों को जुम्मा मुबारक की दुआ भेजना चाहता है तो यहाँ लिखी हुई जुम्मा मुबारक पर दुआ को कॉपीपेस्ट करके व्हाट्सएप के द्वारा भेज सकते है |

jumma mubarak dua

जुम्मा मुबारक दुआ (Jumma Mubarak Dua)

काश उन को भी याद आऊमैं जुम्मे की दुवाओ में,
जोअक्सर मुझसे कहते हैदुवाओ मैं याद रखना।

कर लेता हूँ बर्दाश्त हर दर्द इसी आस के साथ,
कि ख़ुदा नूर भी बरसाता है आजमाइशों के बाद |

या अल्लह आज जुमा की नमाज़ के बाद जितने भी हाथ,
तेरी बारगाह में दुआ के लिये उठे है सब की दुवा कुबूल फरमा |

ख़ुदा के सजदें में जब मैं सिर को झुकाता हूँ,
मैं अपने सारे दुःख-दर्दों का हल पाता हूँ |

ऐ ख़ुदा मौका देना सफर-ए-मक्का का,
सुना है जन्नत जैसा नजारा है वहाँ का,
जुम्मा मुबारक |

दुआ माँग लिया करो दवा से पहले,
कोई नही देता शिफ़ा खुदा से पहले,
शिफ़ा, सेहत, स्वास्थ, आरोग्य |

दुआओं में सबकी खुशिया माँग लिया करो,
जो दुआ नहीं पढ़ते है उनकी भी तकदीर संवार दिया करों |

तू अगर मुझे नवाजता है तो ये तेरा करम है या रब,
वरना तेरी रहमतो के काबिल मेरी बंदगी नहीं |

कर लेता हूँ बर्दाश्त हर दर्द इसी आस के साथ,
कि ख़ुदा नूर भी बरसाता है आजमाइशों के बाद |

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जुम्मा मुबारक की दुआ (Jumma Mubarak ki Dua)

मेरी खाली झोली में दुआ के अल्फाज़ डाल दो,
क्या पता तुम्हारे होठ हिले और मेरी तकदीर संवर जाए |

खुशिया, इज्जत, सुकुन और प्यार,
ये चार चीजें ज़िन्दगी को ख़ूबसूरत बनती हैं,
अल्लाह आप की ज़िन्दगी में किसी की भी कमी ना करे,
अस्सलाम ओ अलैकुम… जुम्मा मुबारक दुआ|

नहीं मायूस मैं अपने खुदा से,
बदल जाती है किस्मत दुआ से.

या रब उनको सदा लाज़वाब रखना,
मैं उनसे दूर हूँ उनका ख्याल रखना,
मेरे जब भी हाथ उठे यही दुआ निकली,
उन के गिर्द हमेशा खुशियों का जाल रखना |

वो चमक चाँद में है न सितारों में हैं,
जो मदीने के दिलकश नजारों में हैं,
बेजुबान पत्थरों को भी बख्श दी जुबान,
इतनी ताकत मेरे नबी के इशारों में हैं |

सुकून और प्यार जिन्दगी को खूबसूरत बनाती हैं,
अल्लाह पाक आप की जिन्दगी में किसी एक की भी कमी न करें,
जुम्मा मुबारक हो |

अस्सलाम वालेकुम हर किसी क लिए दुआ किया करो,
किया पता किसी की किस्मत तुम्हारी दुआ का इंतज़ार कर रही हो |

चार चीज़ों को खूब संभाल क रखो नमाज़ में दिल को,
तन्हाई में सोच को महफ़िल में जुबां को रास्ते में नीगाह को |

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जुम्मा मुबारक पर दुआ (Jumma Mubarak par Dua)

पलकों पे अपनी बिताया है तुम्हे,
बढ़ी दुआओ के बाद पाया है तुम्हे,
आसानी से नहीं मिले हो तुम हमें,
दिल्ली के चिड़ियाघर से चुराया है तुम्हें |

वो आज तलाक नवाज़ता ही जा रहा है अपने लुत्फ़
ओ करम से मुझै बस एक बार कहा था में ने,
इलाही मुझ पे रेहम कर मुस्तफा के वास्तै |

जो किस्मत में न हो वोह रोने से नहीं मिलता,
मगर दुआ से मिल जाता है |

या अल्लह आज जुमा की नमाज़ के,
बाद जितने भी हाथ तेरी बारगाह में,
दुआ के लिये उठे है सब की दुवा कुबूल फरमा |

जो किस्मत में न हो वोह रोने से नहीं,
मिलता मगर दुआ से मिल जाता है |

अब रब राज़ी होने लगता है,
तो बन्दे को अपने अएबोन का पता चलने शुरू हो जाता है,
और ये उसकी रहमत की पहली निशानी होती है |

पूरा जीवन बीत जाएँ ख़ुदा की बंदगी में,
पाँचों वक्त का नमाज अदा करू जिंदगी में, जुम्मा मुबारक हो |

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जुम्मा मुबारक दुआ कॉपी पेस्ट (Jumma mubarak dua copy paste)

ईमान में ही कोई कसर होता हैं,
वरना दुआओं का खूब असर होता हैं |

जीवन में कुछ अच्छे कर्म भी कर लिया करो,
गरीबों के लिए भी इक दुआ पढ़ लिया करो |

काश उन को भी याद आऊँ में जुम्मा की दुआओं में जो,
अक्सर मुझसे कहते है दुआओं में याद रखना |

बाह रही अजीब हैं नादान-ए-दिल की खवाइश या,
रब अमल कुछ नहीं और दिल तलबगार हैं, जुम्मा मुबारक दुआ |

ए अल्लाह एक मौका हमको भी दे सफर-ए-मक्का का,
सुना हैं तेरे घर और जन्नत में कोई फर्क नहीं जुम्मा मुबारक |

बस यही गुजारिश है तुम से धन बरसे या,
न बरसे पर रोटी या प्यार को कोई न तरसे |

बह रही अजीब हैं नादान-ए-दिल की खवाइश,
रब अमल कुछ नहीं और दिल तलबगार हैं जन्नत का |

अंतिम दो लाइन

आज मैंने यहाँ पर जुम्मा मुबारक दुआ (Jumma Mubarak Dua) लिखी है | यह जुम्मा मुबारक की दुआ आपको जरूर पसंद आने वाली वाली है | जुम्मा मुबारक पर दुआ भेजना काफी अच्छा माना जाता है | आप भी यहाँ से कॉपी पेस्ट करके जुम्मा मुबारक दुआ भेज सकते है |

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