इफ्तार की दुआ हिन्दी में (Iftar ki dua in hindi)

इफ्तार की दुआ हिन्दी में, Iftar ki dua in hindi, Iftar ki Dua Hindi mein

रमज़ान के महीने में सूर्यास्त के समय रोजा खत्म होने के बाद किया जाने वाला भोजन इफ्तार कहलाता है | रमज़ान महीने इफ्तार के तुरंत बाद इफ्तार की दुआ पढ़नी चाहिए | क्या आपको इफ्तार की दुआ के बारे में जानते है | इफ्तार की दुआ कौनसी है?

यदि आप इफ्तार की दुआ हिन्दी में पढ़ना चाहते है तो आप सही जगह आए है | इस पोस्ट में इफ्तार दुआ को हिन्दी में लिखा गया है | जिसे आप इफ्तार के बाद पढ़ सकते है |

Iftar ki dua in hindi

इफ्तार की दुआ हिन्दी में (Iftar ki dua in hindi)

“अल्लाहुम्मा लक सुम्तु व बिका आमन्तु व अलैका तवक्कल्तु व अला रिजा इफ्तारी” (Transliteration: “Allahumma inni laka sumtu wa bika aamantu wa ‘alayka tawakkaltu wa ‘ala rizq-ika aftarthu”)

अर्थ: “ऐ अल्लाह, मैंने तेरे लिए रोज़ा रखा और तुझमें ईमान लाया, तुझ पर भरोसा किया और तेरी रज़ा के लिए इफ्तार किया।”

इफ्तार की दुआ उर्दू में

“اللَّهُمَّ لَكَ صُمْتُ وَعَلَى رِزْقِكَ أَفْطَرْتُ” (Transliteration: “Allahumma laka sumtu wa ‘ala rizqika aftartu”)

अर्थ: “ऐ अल्लाह, मैंने तेरे लिए रोज़ा रखा और तेरे रिज़्क से इफ्तार किया।”

इफ्तार की दुआ अंग्रेजी में

“O Allah! I fasted for You and I believe in You and I put my trust in You and I break my fast with Your sustenance.” (Transliteration: “Allahumma laka sumtu wa bika amantu wa ‘alayka tawakkaltu wa ‘ala rizq-ika aftarthu”)

अर्थ: “ऐ अल्लाह, मैंने तेरे लिए रोज़ा रखा है, तुझ पर ईमान लाया है, तुझ पर भरोसा किया है और तेरे रिज़्क से इफ्तार किया है।”

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इफ्तार की दुआ पढ़ने के फायदे

इफ्तार की दुआ को पढ़ने के फायदे इस प्रकार हैं-

  1. इफ्तार की दुआ आपके रोज़े को मंज़ूर करने में मदद करती है। यह आपके इबादत को पूर्णता प्रदान करता है।
  2. यह आपको अपने रोज़े के महत्व को समझने में मदद करता है।
  3. यह आपकी रूहानीता बढ़ाता है और आपकी इबादत के लिए नए उत्साह और प्रेरणा प्रदान करता है।
  4. यह आपको अपने धार्मिक मानसिकता को स्थायी बनाने में मदद करता है।
  5. यह आपको सामूहिक तौर पर अपने दोस्तों, परिवार के सदस्यों और समुदाय के साथ इफ्तार करने का एक सामाजिक रिवाज बनाने में मदद करता है।
  6. यह आपके इमान और तकवा को बढ़ाता है।
  7. इसे पढ़ने से आपकी मनोदशा अधिक सकारात्मक होती है और आपकी उत्साह व उत्साह के स्तर को बढ़ाता है।
  8. यह आपको अपनी ताक़त का एहसास दिलाता है जो आपको रोज़े रखने में मदद करता है।
  9. इसे पढ़ने से आपकी दुआ और ज़िक्र की क्षमता विकसित होती है |

इफ्तार की दुआ कब पढ़नी चाहिए

इफ्तार की दुआ को अपने रोज़े के खत्म होने के बाद तुरंत पढ़ना चाहिए। इसका मकसद रोज़े को खत्म करने के बाद दुआ करके अल्लाह से माफ़ी मांगना होता है और इसके साथ ही रोज़े रखने की इज़्ज़त और आज़माइश का भी अदा किया जाता है।

इसलिए, इफ्तार की दुआ को अपने रोज़े के खत्म होने के तुरंत बाद पढ़ना चाहिए।

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