फातिहा का तरीका हिन्दी में (Fatiha Ka Tarika in Hindi)

कई मुसलमान भाइयों व बहनों को फातिहा का सही तरीका पता ही नहीं है इसलिए आज मैं आपको फातिहा का तरीका हिन्दी में (Fatiha Ka Tarika in Hindi) बताने जा रहा हूँ | यहाँ फातिहा करने का तरीका विस्तार से बताया गया है जो आपके जरूर काम आयेगा | यहाँ पढे फातिहा का आसान तरीका हिन्दी में |

Fatiha Ka Tarika in Hindi

Table of Contents

फातिहा का तरीका हिन्दी में

फातिहा करने का तरीका इस प्रकार है:-

  1. फातिहा शुरू करने से पहले वज़ू करे |
  2. वज़ू करने के बाद सबसे पहले 3 बार दरूद शरीफ पढे |
  3. दरूद शरीफ इस प्रकार है-
    अल्लाहुम्मा सल्लि अला मुहम्मदिन वा अला आलि मुहम्मदिन,
    कमा सल्लैता आला इब्राहीम वा अला आलि इब्राहीम,
    इन्नका हमीदुम मजीद।
    अल्लाहुम्मा बारिक अला मुहम्मदिन वा अला आलि मुहम्मदिन,
    कमा बारक्ता आला इब्राहीम वा अला आलि इब्राहीम,
    इन्नका हमीदुम मजीद।”
  4. दरूद शरीफ पढ़ने के बाद फातिहा सूरह पढे | फातिहा सूरह इस प्रकार है-
    बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहीम,
    अल्हम्दुलिल्लाहि रब्बिल ‘आलमीन।
    अर-रहमानिर रहीम।
    मालिकी यौमिद्दीन।
    ईयाक न’बुदु व ईयाक नस्त’ईन।
    इहदिनास्सिरातल मुस्तकीम।
    सिरातल्लजीना अनअम्ता अलयहिम,
    गैरिल मगदुबि अलयहिम व लाडालीन।।
  5. फातिहा सूरह के बाद सूरह इखलास पढे | सूरह इखलास इस प्रकार है-
    बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहीम।
    क़ुल हुवल्लाहु अहद।
    अल्लाहु समद।
    लम यलिद व लम यूलद।
    व लम यकुन लहू कुफ़ुवन अहद।।
  6. सूरह इखलास के बाद सूरह फलक पढे | सूरह फलक इस प्रकार है-
    बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहीम।
    क़ुल अज़्बि रब्बिल फ़लक़।
    मिन शर्रि मा खलक़।
    व मिन शर्रि गासिक़िनि इज़ा वक़ब।
    व मिन शर्रि हासिदिन इज़ा हसद।।
  7. सूरह फलक के बाद सूरह नास पढे | सूरह नास इस प्रकार है –
    बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहीम।
    क़ुल आज़ुबि रब्बिन नास।
    मालिकिन नास।
    इलाहिन नास।
    मिन शर्रिल वस्वासिल खन्नास।
    अल्लाजी युवस्विसु फी सुदूरिल नास।
    मिन अल्जिन्नाति वनास।।
  8. अंत में 3 बार दरूद शरीफ दुबारा पढ़ें। दरूद शरीफ इस प्रकार है-
    अल्लाहुम्मा सल्लि अला मुहम्मदिन व आला आलि मुहम्मदिन, कमा सल्लय्ता अला इब्राहीम व आला इब्राहीम, इन्नक हमीदुम मजीद, अल्लाहुम्मा बारिक अला मुहम्मदिन व आला आलि मुहम्मदिन, कमा बारक्ता अला इब्राहीम व आला इब्राहीम, इन्नक हमीदुम मजीद।

FAQs

फातिहा में कौन कौन-सी सूरत पढ़ी जाती है?

फातिहा सूरह |

सूरह फातिहा में क्या क्या पढ़ा जाता है?

बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहीम,
अल्हम्दुलिल्लाहि रब्बिल ‘आलमीन।
अर-रहमानिर रहीम।
मालिकी यौमिद्दीन।
ईयाक न’बुदु व ईयाक नस्त’ईन।
इहदिनास्सिरातल मुस्तकीम।
सिरातल्लजीना अनअम्ता अलयहिम,
गैरिल मगदुबि अलयहिम व लाडालीन।।

फातिहा कब करनी चाहिए?

फातिहा को नमाज़ के शुरुआत में पढ़ना चाहिए। इसे हर नमाज़ में फ़र्ज़ के रूप में पढ़ा जाता है। इसके अलावा इसे दुआ के रूप में या अल्लाह की जिद्दत की दुआ के रूप में भी पढ़ा जा सकता है |

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