क्या आप दुआ ए क़ुनूत (Dua E Qunoot) के बारे में जानते है? यदि नहीं तो आपको इस पोस्ट में दुआ ए क़ुनूत हिन्दी, इंग्लिश, अरबी, और उर्दू में मिलने वाली है | दुआ ए क़ुनूत एक नमाज की दुआ है | प्रत्येक मुसलमान को दुआ ए क़ुनूत अवश्य पढ़नी चाहिए |

दुआ ए क़ुनूत क्या है?
दुआ ए कुनूत एक नमाज़ की दुआ है जो सुन्नी मुस्लिम समुदाय के लोग रात के अखिरी रक’आत में नमाज़ पढ़ते हैं। इस दुआ में मुसलमान अपनी मांग से अल्लाह तआला से मदद, माफी, रहमत, और उनके इमान की बलाई के लिए दुआ करते हैं। इस दुआ को पढ़ने से उन्हें अल्लाह तआला के साथ एक बेहतरीन संबंध बनाने का एक विशेष असर महसूस होता है और उन्हें इस दुनिया और आखिरत में खुशी मिलती है।
Dua E Qunoot in Hindi
दुआ ए क़ुनूत हिन्दी में इस प्रकार है-
ऐ अल्लाह, हम तेरी मदद माँगते हैं और तेरी माफ़ी माँगते हैं, और हम तुझ पर ईमान रखते हैं और तुझ पर भरोसा करते हैं। हम तेरी स्तुति करते हैं और तेरा इनकार नहीं करते। हम उन लोगों से दूर हो जाते हैं जो आपकी अवज्ञा करते हैं।
ऐ अल्लाह, हम तेरी ही इबादत करते हैं और तुझको नमाज़ और सज्दा करते हैं। हम तेरी तरफ मुंह करके तुझ से दुआ करते हैं। हम तेरी दया की आशा रखते हैं और तेरे दण्ड से डरते हैं, क्योंकि तेरा दण्ड निश्चय ही अविश्वासियों को दिया गया है।

Dua-E-Qunoot in English
दुआ ए क़ुनूत इंग्लिश में इस प्रकार है-
O Allah, we seek Your help and ask for Your forgiveness, and we believe in You and rely on You. We praise You and do not deny You. We turn away from those who disobey You. O Allah, we worship You alone and offer prayers and prostrations to You. We turn our faces towards You and supplicate to You. We hope for Your mercy and fear Your punishment, for Your punishment is surely meted out to the unbelievers.

Dua E Qunoot in Urdu
दुआ ए क़ुनूत उर्दू में इस प्रकार है-
اللّٰھُمَّ إِنَّا نَسْتَعِینُکَ وَ نَسْتَغْفِرُکَ وَ نُؤْمِنُ بِکَ وَ نَتَوَکَّلُ عَلَیْکَ وَ نُثْنِیْ عَلَیْکَ الْخَیْرَ وَ نَشْکُرُکَ وَ لا نَکْفُرُکَ وَ نَخْلَعُ وَ نَتْرُکُ مَنْ یَّفْجُرُکَ، اللّٰھُمَّ إِیَّاکَ نَعْبُدُ وَ لَکَ نُصَلِّی وَ نَسْجُدُ وَ إِلَیْکَ نَسْعَى وَ نَحْفِدُ وَ نَرْجُو رَحْمَتَکَ وَ نَخْشَى عَذَابَکَ، إِنَّ عَذَابَکَ بِالْکُفَّارِ مُلْحِقٌ
معنی: اے اللہ ہم تیری مدد اور بخشش کی درخواست کرتے ہیں، ہم تجھ پر ایمان لائے ہیں اور تجھ پر بھروسہ کرتے ہیں۔ ہم تیری تعریف کرتے ہیں اور تجھے نہیں انکار کرتے۔ ہم تیرے منہ پھیرے ہوئے ہیں جو تیری نافرمانی کرتے ہیں۔ اے اللہ ہم تیری ہی عبادت کرتے ہیں اور نماز اور سجدے تجھے ہی کرتے ہیں، ہم تیری جانب مڑتے ہیں اور تجھ سے دعا کرتے ہیں۔ ہم تیری رحمت کی امید رکھتے ہیں اور تیرے عذاب سے ڈرتے ہیں، کیونکہ عذاب تو تیرے کافروں کے لئے ہے۔

Dua E Qunoot in Arabic
दुआ ए क़ुनूत अरबी में इस प्रकार है-
اللهم إنا نستعينك ونستغفرك ونؤمن بك ونتوكل عليك ونثني عليك الخير كله ونشكرك ولا نكفرك ونخلع ونترك من يفجرك، اللهم إياك نعبد ولك نصلي ونسجد وإليك نسعى ونحفد ونرجو رحمتك ونخشى عذابك إن عذابك بالكفار ملحق.
दुआ ए कुनूत का तर्जुमा
दुआ ए कुनूत का तर्जुमा इस प्रकार है-
“अल्लाह हम तेरी मदद चाहते हैं, तुझसे माफ़ी माँगते हैं, तुझ पर ईमान लाते हैं, तुझ पर भरोसा करते हैं, तेरे अल्लाह के सभी खैर की तारीफ़ करते हैं, तुझे शुक्रिया अदा करते हैं, तुझे इनकार नहीं करते हैं, हम उन लोगों को छोड़ते हैं जो तेरी नाराज़गी करते हैं। अल्लाह हम तुझसे इबादत करते हैं, नमाज़ पढ़ते हैं, सजदे करते हैं, तुझे तलाशते हैं और तुझ पर भरोसा करते हैं, हम तेरी रहमत की उम्मीद करते हैं और तुझे अपने अज़ाब से डरते हैं, क्योंकि तेरा अज़ाब कुफ़्रवालों के लिए है।”
दुआ ए कुनूत पढ़ने का तरीका
दुआ ए कुनूत पढ़ने का सही तरीका इस प्रकार है-
- सबसे पहले अपने हाथ उठाएं और तकबीर कहें: “اللهُ أَكْبَر” (Allahu Akbar)
- फिर दोनों हाथ अपने छाती पर रखें।
- अपनी नज़रें नीचे रखें और दुआ कुनूत की शुरुआत करें:اللَّهُمَّ إِنَّا نَسْتَعِينُكَ وَنَسْتَغْفِرُكَ وَنُؤْمِنُ بِكَ وَنَتَوَكَّلُ عَلَيْكَ وَنُثْنِئْ عَلَيْكَ الْخَيْرَ وَنَشْكُرُكَ وَلَا نَكْفُرُكَ وَنَخْلَعُ وَنَتْرُكُ مَنْ يَفْجُرُكَ، اللَّهُمَّ إِيَّاكَ نَعْبُدُ وَلَكَ نُصَلِّي وَنَسْجُدُ وَإِلَيْكَ نَسْعَى وَنَرْجُو رَحْمَتَكَ وَنَخْشَى عَذَابَكَ، إِنَّ عَذَابَكَ بِالْكُفَّارِ مُلْحِقٌ
- दुआ कुनूत के बाद, रुकू के लिए “سبحان ربي العظيم” (Subhan Rabbeel Azeem) कहें और दोनों हाथ अपनी टखने पर रखें।
- फिर सजदे में जाएं और “سبحان ربي الأعلى” (Subhan Rabbeal A’la) कहें।
- दूसरी सजदे में जाएं और “سبحان ربي الأعلى” (Subhan Rabbeal A’la) कहें।
- फिर खड़े हो जाएं और दुआ करें।
दुआ कुनूत को अच्छी तरह से सीखने के लिए उसे आसानी से याद करने की कोशिश करें। उसे रोज़ाना नमाज़ के दौरान पढ़ें और याद रखें कि दुआ कुनूत अपने हाथ बढ़ाने के बजाए छाती पर रखी जाती है। ध्यान दें कि दुआ कुनूत अरबी में होती है, इसलिए उसे अरबी में पढ़ने का प्रयास करें। अगर आप अरबी नहीं जानते हैं, तो दुआ कुनूत के हिंदी अनुवाद के साथ उसे पढ़ सकते हैं।
दुआ ए कुनूत पढ़ने के फायदे
दुआ ए कुनूत एक इस्लामी दुआ है जो रात के तीनों तरावीह रकातों के बाद पढ़ी जाती है। इस दुआ का महत्वपूर्ण स्थान हमारी दिनचर्या में होता है इसलिए इसके कई फायदे होते हैं। दुआ ए कुनूत की पढ़ाई अपनी आत्मा को शुद्ध करने, मानसिक स्थिरता बढ़ाने, अल्लाह से जुड़ने और शुभ कार्यों के लिए प्रेरणा देने जैसे कई फायदे प्रदान करती है। इसके अलावा दुआ ए कुनूत पढ़ने के 10 फायदे निम्नलिखित है –
- ध्यान केंद्रित करने में मददगार: दुआ ए कुनूत की पाठ करने से पहले और दौरान में आप अपने ध्यान को केंद्रित करने में मदद कर सकते हैं। इससे आपकी मानसिक शांति बनी रहेगी और आप दिनभर के तनाव से राहत पा सकते हैं।
- अधिक आत्मसमर्पण: दुआ ए कुनूत पढ़ने से आप अपने आप को अधिक आत्मसमर्पित महसूस कर सकते हैं। इससे आपकी आत्मा में शांति और आनंद की भावना उत्पन्न होती है।
- तनाव से मुक्ति: दुआ ए कुनूत पढ़ने से आप अपने तनाव से मुक्त हो सकते हैं। यह आपके मन को शांत करता है और आपको अपने असफलताओं और चिंताओं से निकालता है।
- मानसिक स्थिरता: दुआ ए कुनूत की पढ़ाई से आप अपनी मानसिक स्थिरता को बढ़ा सकते हैं। यह आपको नेगेटिव सोच से दूर ले जाता है और आपको पॉजिटिव तरीके से सोचने में मदद करता है।
- इबादत की गहराई में उतरना: दुआ ए कुनूत की पढ़ाई से आप अपनी इबादत की गहराई में उतर सकते हैं। इस दुआ के माध्यम से आप अल्लाह से जुड़ते हैं और अपनी आत्मा की ऊर्जा को स्थायी तरीके से निरंतर बढ़ा सकते हैं।
- गुनाहों से मुक्ति: दुआ ए कुनूत की पढ़ाई से आप गुनाहों से मुक्ति प्राप्त कर सकते हैं। इस दुआ के माध्यम से आप अपने बुरे कर्मों के लिए माफी मांग सकते हैं और अल्लाह से क्षमा प्राप्त कर सकते हैं।
- शुभ कार्यों के लिए प्रेरणा: दुआ ए कुनूत की पढ़ाई से आप शुभ कार्यों के लिए प्रेरित हो सकते हैं। इस दुआ के माध्यम से आप अपने कार्यों के लिए दिल में ताकत और प्रेरणा प्राप्त कर सकते हैं |
- अल्लाह के वफादार होने की याद दिलाना: दुआ ए कुनूत की पढ़ाई से आप अल्लाह के वफादार होने की याद दिला सकते हैं। इस दुआ के माध्यम से आप अल्लाह पर पूर्ण आस्था और भरोसा रख सकते हैं और उनकी कृपा के लिए आभार प्रकट कर सकते हैं।
- संतुलित जीवन: दुआ ए कुनूत की पढ़ाई से आप अपने जीवन को संतुलित बनाने में मदद कर सकते हैं। यह आपको तनाव से दूर रखता है और आपके दिनचर्या को नियमित बनाता है।
- समाज सेवा: दुआ ए कुनूत की पढ़ाई से आप समाज सेवा के प्रति अपनी जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक हो सकते हैं। इस दुआ के माध्यम से आप अपने समाज में एक अच्छे इंसान के रूप में अपना योगदान दे सकते हैं।
FAQs
दुआ ए कुनूत कब पढ़ी जाती है?
दुआ ए कुनूत का पाठ ईशा की नमाज़ के तीसरे रक्अत में पढ़ा जाता है। यह नमाज़ का एक अहम हिस्सा है और अधिकतर मुसलमान इसे ईशा की नमाज़ के दौरान पढ़ते हैं।
दुआ ए कुनूत क्या होता है?
दुआ ए कुनूत एक इस्लामी दुआ है जो रात के तीनों तरावीह रकातों के बाद पढ़ी जाती है। इस दुआ का मकसद अल्लाह तआला से मागना और उसकी रहमत, माफ़ी, बख़्शिश और हुक्म के लिए दुआ करना है।
दुआ ए क़ुनूत याद न हो तो क्या पढ़े?
अगर किसी व्यक्ति को दुआ ए कुनूत याद नहीं होती है तो उसे नीचे दी गई दुआओं को पढ़ सकता है –
01. सुब्हानकल्लाहुम्मा वबिहम्दिक, वतबारकस्मुक, वतआला जद्दुक, वला इलाहा गैरुक।
02. अस्तग़फ़िरुल्लाह अल्लदी ला इलाहा इल्ला हुवाल हय्युल्कयूम, वाअतूबु इलैह |
03. रब्बना आतिना फ़ी दुन्या हसनतन, वफिल आखिरति हसनतन, वकिना आज़ाबन नार |